बिहार के वित्तमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने 13 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2024-25 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 9.76 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 13.5% अधिक है।

  • 2024-25 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 2,56,333 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 12कम है। इसके अलावा राज्य को 22,393 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाना होगा। 2023-24 में व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 22% अधिक होने का अनुमान है।

  • 2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 2,27,238 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 5.7% की वृद्धि है। 2023-24 में प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) बजट अनुमान से 1% अधिक होने का अनुमान है।

  • 2024-25 में राजस्व अधिशेष 1,121 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.1%) होने का अनुमान है। संशोधित अनुमान के अनुसारराज्य को 2023-24 में 35,530 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.1%) का राजस्व घाटा होने की उम्मीद है। 2023-24 में बजट स्तर पर 4,479 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.5%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया था।

  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (29,095 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.9% होने की उम्मीद हैजो बजटीय अनुमान (जीएसडीपी का 3%) से काफी अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • महिला स्वयं-सहायता समूहशहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं-सहायता समूहों की सुविधा के लिए जीविका का विस्तार किया जाएगा।

  • पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को सहायता: प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के प्रारंभिक दौर में उत्तीर्ण होने पर एकमुश्त नकद हस्तांतरण प्रदान करने की योजना के तहत अधिक परीक्षाओं को कवर किया जाएगा।

  • छोटे उद्यमियों को अनुदान: गरीब परिवारों की वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु लघु व्यवसाय स्थापित करने के लिए दो लाख रुपए के अनुदान की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का परिव्यय 2024-25 में 1,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

बिहार की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2022-23 में बिहार की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 10.6% की दर से बढ़ी। 2022-23 में बिहार की जीएसडीपी राष्ट्रीय जीडीपी (7.2%) की दर से अधिक बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र2022-23 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 6.7%6.8% और 13% की वृद्धि होने का अनुमान है। 2022-23 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवाओं का अर्थव्यवस्था में क्रमशः 25%17% और 58% योगदान देने का अनुमान है (मौजूदा कीमतों पर)।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2022-23 में बिहार की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 59,637 रुपए अनुमानित हैजिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि है। 2022-23 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी काफी अधिक (1,96,983 रुपए) होने का अनुमान है।

  • बेरोजगारीआवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (जुलाई 2022-जून 2023) के अनुसारबिहार में बेरोजगारी दर 3.9% थीजो राष्ट्रीय स्तर (3.2%) से अधिक थी। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी 13.9% थीजो राष्ट्रीय स्तर (10%) से भी अधिक थी।

रेखाचित्र  1 बिहार में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि 

 

नोट: कृषि में खनन और उत्खनन भी शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माणऔर बिजलीगैसपानी और अन्य युटिलिटी सेवाएं भी शामिल हैं। ये आंकड़े स्थिर कीमतों (2011-12) के अनुसार हैंजिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है।
स्रोत: बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 
2023-24; पीआरएस।

2024-25 के बजट अनुमान

  • 2024-25 में कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) 2,56,333 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 12कम है। इस व्यय को 2,27,238 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 29,295 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों में (उधार के अलावा) 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 5.7% की वृद्धि की उम्मीद है।

  • 2024-25 में राजस्व अधिशेष 1,121 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.1%) होने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2023-24 में राज्य को 35,530 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.1%) का राजस्व घाटा होने की उम्मीद है। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (29,095 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 3.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होता है)।

  • 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारघाटे का स्तर बजट अनुमान से काफी अधिक होने की उम्मीद है। यह संशोधित चरण (22%) में अनुमानित उच्च व्यय के कारण हैजबकि प्राप्तियों में समान वृद्धि की उम्मीद नहीं है (बजट से 1% अधिक)। संशोधित अनुमान के अनुसार 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.9% होने की उम्मीद है। यह देखते हुए कि अनुमानित राजकोषीय घाटा वर्ष के लिए अनुमत राजकोषीय घाटे की सीमा (जीएसडीपी का 3.5%) से काफी अधिक हैइन संशोधित अनुमानों के बरकरार रहने की संभावना नहीं है। इसलिए 2023-24 में वास्तविक व्यय संशोधित अनुमान से काफी कम हो सकता है।

संशोधित अनुमानों की विश्वसनीयता

बजट में संशोधित अनुमानों का उद्देश्य 9-10 महीनों के वास्तविक आंकड़ों के आधार पर चालू वित्तीय वर्ष की अधिक साफ तस्वीर प्रदान करना है। हालांकि बिहार मेंसंशोधित चरण में व्यय अनुमान अक्सर अवास्तविक होते हैंजिसके कारण राजकोषीय घाटे का अनुमान अनुमत सीमा से काफी अधिक होता है। 2021-22, 2022-23 और 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारजीएसडीपी के % के रूप में राजकोषीय घाटा क्रमशः 11.3%, 8.8% और 8.9% होने का अनुमान लगाया गया है। 2021-22 और 2022-23 मेंवास्तविक (एक्चुअल्स) के अनुसार जीएसडीपी के % के रूप में राजकोषीय घाटा क्रमशः 4.8% और 6% था। संशोधित चरण में 2022-23 के लिए व्यय अनुमान बजट अनुमान से 21% अधिक होने का अनुमान लगाया गया थाहालांकि 2022-23 में वास्तविक व्यय बजट से 2% कम है (अनुलग्नक की तालिका 7 देखें)

तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

2,31,904

2,61,885

3,14,951

20.3%

2,78,726

-11.5%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

14,351

23,559

23,559

0.0%

22,393

-4.9%

शुद्ध व्यय (E)

2,17,553

2,38,327

2,91,392

22.3%

2,56,333

-12.0%

कुल प्राप्तियां

2,21,013

2,62,085

2,77,532

5.9%

2,78,926

0.5%

(-) उधारियां 

48,284

49,327

62,606

26.9%

51,688

-17.4%

इनमें कैपेक्स के लिए विशेष ऋण*

8,456

0

10,058

-

0

-100%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

1,72,730

2,12,759

2,14,926

1.0%

2,27,238

5.7%

राजकोषीय घाटा (E-R)

44,823

25,568

76,466

199.1%

29,095

-61.9%

जीएसडीपी का %

6.0%

3.0%

8.9%

 

3.0%

 

राजस्व संतुलन

-11,288

4,479

-35,530

-893.3%

1,121

-103.2%

जीएसडीपी का %

-1.5%

0.5%

-4.1%

 

0.1%

 

प्राथमिक घाटा

29,640

7,213

58,111

705.6%

8,569

-85.3%

जीएसडीपी का %

3.9%

0.8%

6.8%

 

0.9%

 

जीएसडीपी

7,51,396

8,58,928

8,60,238

0.2%

9,76,514

13.5%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। *केंद्र सरकार राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान कर रही है जो किसी दिए गए वित्तीय वर्ष के लिए अनुमत उधार सीमा से अधिक है। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरणसंक्षेप में बजटएफआरबीएम विवरणबिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

2024-25 में व्यय

  • 2024-25 के लिए राजस्व व्यय 2,25,677 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% कम है। इसमें वेतनपेंशनब्याजअनुदान और सबसिडी पर होने वाला खर्च शामिल है। 2023-24 में राजस्व व्यय बजट अनुमान से 20% अधिक रहने का अनुमान है।

  • 2024-25 के लिए पूंजीगत परिव्यय 29,416 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 26% कम है। पूंजीगत परिव्यय परिसंपत्तियों के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है। 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारपूंजी परिव्यय बजट अनुमान से 35% अधिक होने की उम्मीद है।

तालिका 2 बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

1,83,976

2,07,848

2,50,024

20%

2,25,677

-10%

पूंजीगत परिव्यय

31,520

29,257

39,623

35%

29,416

-26%

राज्य द्वारा दिए गए ऋण 

2,057

1,221

1,745

43%

1,240

-29%

शुद्ध व्यय

2,17,553

2,38,327

2,91,392

22%

2,56,333

-12%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, बिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतनपेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में बिहार द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 92,882 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 41है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 18%)पेंशन (14%)और ब्याज भुगतान (9%) पर खर्च शामिल है। 2024-25 में वेतन मद में व्यय 2023-24 के संशोधित अनुमान से 24% अधिक होने का अनुमान है। 2022-23 मेंवास्तविक आंकड़ों के अनुसारराजस्व प्राप्तियों का 36% प्रतिबद्ध व्यय के लिए खर्च किया गया था।

तालिका 3 : 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

वेतन

23,497

31,119

32,635

5%

40,559

24%

पेंशन

23,108

29,437

29,437

0%

31,796

8%

ब्याज भुगतान

15,184

18,354

18,354

0%

20,526

12%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

61,788

78,910

80,426

2%

92,882

15%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, संक्षेप में बजट
बिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान बिहार के बजटीय व्यय का 66% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में बिहार के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका बिहार बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान 
 2024-25

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

42,810

42,381

58,378

54,605

-6%

समग्र शिक्षा अभियान के लिए 14,596 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

19,329

25,270

32,593

27,101

-17%

मनरेगा के लिए 5,092 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2,071 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

14,118

14,763

17,741

14,718

-17%

सक्षम आंगनवाड़ी पोषण 2.0 के लिए 2,967 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लिए 897 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

11,810

16,704

19,296

14,488

-25%

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,620 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

पुलिस

9,810

11,686

13,268

13,528

2%

जिला पुलिस के लिए 7,659 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ऊर्जा

15,829

11,436

15,572

11,334

-27%

सस्ती बिजली पर सबसिडी के लिए 9,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

5,001

8,783

11,514

10,370

-10%

पीएम आवास योजना-शहरी के लिए 2,103 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 640 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

5,212

7,726

8,609

7,943

-8%

कृषि विभाग द्वारा प्रशासित विभिन्न योजनाओं के तहत सबसिडी के लिए 667 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सड़कें एवं पुल

11,186

9,430

12,880

7,723

-40%

सड़कों और पुलों पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 3,819 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

3,945

5,360

5,947

5,388

-9%

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 3,964 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

कुल व्यय का %

65%

65%

68%

66%

-

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरणबिहार बजट 2024-25; पीआरएस। 

2024-25 में प्राप्तियां

  • 2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 2,26,798 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। इसमें से 61,626 करोड़ रुपए (27%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 1,65,173 करोड़ रुपए (73%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 50%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 23%) के रूप में होंगे।

  • हस्तांतरण2024-25 मेंकेंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 1,13,012 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, 2024-25 में केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी 1,22,686 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

  • 2024-25 में केंद्र से अनुदान 52,161 करोड़ रुपए अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 5% कम है।

  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: बिहार का कुल स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 54,300 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8% की वृद्धि है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 5.6% अनुमानित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (5.9%) से कम है। 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसारजीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 5.9% था।

तालिका राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

44,018

49,700

50,400

1%

54,300

8%

राज्य के स्वयं गैर कर

4,135

6,512

6,582

1%

7,326

11%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

95,510

1,02,737

1,02,737

0%

1,13,012

10%

केंद्र से सहायतानुदान

29,026

53,378

54,775

3%

52,161

-5%

राजस्व प्राप्तियां

1,72,688

2,12,327

2,14,494

1%

2,26,798

6%

गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां

41

432

432

0%

439

2%

शुद्ध प्राप्तियां

1,72,730

2,12,759

2,14,926

1%

2,27,238

6%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, बिहार बजट 
2024-25; पीआरएस।

  • 2024-25 में राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व (58% हिस्सा) का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है। राज्य जीएसटी राजस्व 2023-24 के संशोधित अनुमान से 1% बढ़ने का अनुमान है। हालांकि 2022-23 में वास्तविक संग्रह की तुलना में 2024-25 में एसजीएसटी राजस्व में 17% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है।

  • 2024-25 में बिक्री कर/वैट से राजस्व में (10,010 करोड़ रुपए) 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 26% की वृद्धि की उम्मीद है।

शहरी स्थानीय निकायों के लिए केंद्र से अनुदान

15वें वित्त आयोग के सुझावों के अनुसारकेंद्र सरकार बिहार के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को अनुदान दे रही है। 2021-22 और 2025-26 के बीच पांच साल की अवधि में कुल अनुशंसित अनुदान 9,999 करोड़ रुपए है। इसमें से 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में यूएलबी के लिए पूरा अनुदान उनके प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है (कुल 1,690 करोड़ रुपए)। इस श्रेणी में पटना एकमात्र शहर है। यह अनुदान वायु गुणवत्तापेयजल आपूर्ति और स्वच्छता में सुधार जैसे कुछ लक्ष्यों को पूरा करने पर उपलब्ध होगा। अन्य शहरों के मामले में, 60% अनुदानों की प्रकृति टाइड है। 2021-22 में बिहार अपने यूएलबी के लिए उपलब्ध 1,827 करोड़ रुपए के अनुदान में से केवल 836 करोड़ रुपए (54% कम) का लाभ उठा सका। 2022-23 में भीइस मद पर प्राप्ति 18% कम थी (उपलब्ध राशि 1,892 करोड़ रुपए के मुकाबले 1,552 करोड़ रुपए)।

तालिका राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

23,243

31,111

31,111

0%

31,565

1%

सेल्स टैक्स/वैट

9,881

7,934

7,934

0%

10,010

26%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

6,451

6,300

7,000

11%

7,500

7%

वाहन कर

2,935

3,300

3,300

0%

3,700

12%

बिजली पर टैक्स और शुल्क

987

330

330

0%

750

127%

भूराजस्व

361

550

550

0%

600

9%

राज्य एक्साइज

1

-

-

-

0

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

184

-

398

-

-

-

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व और पूंजीगत प्राप्तियों पर विस्तृत विवरणबिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

बिहार राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राज्य डिस्कॉम्स के घाटे

बिहार में राज्य के स्वामित्व वाली दो बिजली वितरण कंपनियां हैं: एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल। 2021-22 में दोनों कंपनियों ने 2,635 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया। 2021-22 में इन कंपनियों का एटीएंडसी घाटा 32% था जो राष्ट्रीय औसत (17%) से काफी अधिक है। एटीएंडसी घाटा, आपूर्ति की गई बिजली का वह प्रतिशत होता है जिसके लिए इकाई को कोई भुगतान नहीं मिलता। उच्च एटीएंडसी घाटे का कारण चोरीउप-इष्टतम वितरण अवसंरचना और बिलिंग और संग्रह में अक्षमताएं हो सकता है। 2022-23 तकराज्य सरकार ने इन दोनों कंपनियों द्वारा लिए गए 9,808 करोड़ रुपए के ऋण की गारंटी दी है।

राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2024-25 में 1,121 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.1%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। 2019-20 और 2023-24 के बीच (संशोधित अनुमान के अनुसार) राज्य ने लगातार राजस्व घाटा दर्ज किया है जिसका अर्थ है कि यह अपने राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए उधार पर निर्भर रहा है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3% रहने का अनुमान है। 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.9% होने की उम्मीद है।

2023-24 और 2024-25 दोनों के लिएकेंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र के कुछ सुधारों को पूरा करने पर उपलब्ध होगा। 2021-22 के बाद के वर्षों से किसी भी अप्रयुक्त राजकोषीय घाटे की सीमा का उपयोग अगले वर्षों में भी किया जा सकता है। इसके अलावा केंद्र सरकार 2020-21 से वार्षिक उधार सीमा से अधिक पूंजीगत व्यय के लिए 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान कर रही है। 2022-23 और 2023-24 में एनपीएस में वार्षिक योगदान की सीमा तक अतिरिक्त उधार लेने की भी अनुमति दी गई है।

2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6% था जो उस वर्ष के लिए जीएसडीपी की 3.5% की बिना शर्त सीमा से काफी अधिक था। बजट दस्तावेजों के अनुसार उच्च घाटे के कारणों में केंद्र से पूंजीगत व्यय के लिए विशेष ऋण (8,486 करोड़ रुपएयानी जीएसडीपी का 1.1%) और सस्पेंस एकाउंट से कुछ एकाउंट एडजस्टमेंट्स शामिल हैं।

बकाया देनदारियांबकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है इसमें सार्वजनिक खाते पर कोई देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 35.7% होने का अनुमान है जो 2023-24 के बजट अनुमान के समान है।

रेखाचित्र 2 : राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

नोट: नेगेटिव (-) आंकड़े घाटे को दर्शाते हैं जबकि जिन आंकड़ों में कोई चिन्ह नहीं, वे अधिशेष को दर्शाते हैं; *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; 2020-21 और 2021-22 के आंकड़ों में जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान न मानकर, घाटा दर्ज किया गया है। RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है।
स्रोत: एफआरबीएम वक्तव्य
बिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

रेखाचित्र 3 : बकाया सार्वजनिक ऋण (जीएसडीपी का %) 

नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैंRE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है।
स्रोत: एफआरबीएम वक्तव्य
संक्षेप में बजटबिहार बजट 2024-25; पीआरएस।

बकाया सरकारी गारंटीराज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो प्रकृति में आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च 2023 तक राज्य की बकाया गारंटी 25,257 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2022-23 में बिहार के जीएसडीपी का 3% है। इन गारंटियों में से 52% बिजली क्षेत्र (13,008 करोड़ रुपए) से संबंधित हैं।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में बिहार के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 31 राज्यों (बिहार सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: बिहार ने 2024-25 में शिक्षा पर अपने व्यय का 21.4% आवंटित किया है। यह 2023-24 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) से काफी अधिक है।

  • स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 5.7% आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) से कम है।

  • ग्रामीण विकास: बिहार ने ग्रामीण विकास पर अपने व्यय का 10.6% आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5%) से काफी अधिक है।

  • कृषि: बिहार ने अपने व्यय का 3.1% कृषि के लिए आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा कृषि के लिए औसत आवंटन (5.9%) से काफी कम है।

  • पुलिस: बिहार ने अपने कुल व्यय का 5.3% पुलिस को आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा पुलिस पर औसत व्यय (4.2%) से अधिक है।

  • सड़कें और पुल: बिहार ने अपने कुल व्यय का 3% सड़कों और पुलों के लिए आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.6%) से कम है।

 

 

 

 

 

image

नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE)और 2024-25 (BE) के आंकड़े बिहार के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, बिहार बजट 
2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

[1]  31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7 प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्त

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

1,97,136

1,72,730

-12%

1.  राजस्व प्राप्तियां (+++)

1,96,705

1,72,688

-12%

.     स्वयं कर राजस्व

41,387

44,018

6%

.     स्वयं गैर कर राजस्व

6,136

4,135

-33%

.     केंद्रीय करों में हिस्सा

91,181

95,510

5%

.     केंद्र से सहायतानुदान

58,001

29,026

-50%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

3,500

184

-95%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

432

41

-90%

3.  उधारियां

40,756

48,284

18%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

0

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

2,23,021

2,17,553

-2%

4.  राजस्व व्यय

1,91,957

1,83,976

-4%

5.  पूंजीगत परिव्यय

29,750

31,520

6%

6.  ऋण और अग्रिम

1,315

2,057

56%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

14,670

14,351

-2%

राजस्व संतुलन

4,748

-11,288

-338%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

0.6%

-1.5%

-

राजकोषीय घाटा

25,885

44,823

73%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

3.5%

6.0%

-

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

कर स्रोत/मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

भूराजस्व

500

361

-28%

राज्य जीएसटी

24,721

23,243

-6%

वाहन कर

3,000

2,935

-2%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

5,500

6,451

17%

सेल्स टैक्स/वैट

7,210

9,881

37%

बिजली पर टैक्स और शुल्क

287

987

244%

राज्य एक्साइज

0

1

-

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका 9 मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

कर स्रोत/मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

7,712

5,212

-32%

शहरी विकास

7,133

5,001

-30%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

15,898

11,810

-26%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

5,295

3,945

-25%

एससीएसटीओबीसी और अल्पसंख्यक का कल्याण

3,779

2,939

-22%

ग्रामीण विकास

23,553

19,329

-18%

पुलिस

11,911

9,810

-18%

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

4,073

3,862

-5%

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

40,828

42,810

5%

समाज कल्याण एवं पोषण

13,208

14,118

7%

परिवहन

9,002

12,288

36%

जिनमें से सड़कें और पुल

8,365

11,186

34%

आवास

9,405

12,889

37%

ऊर्जा

11,376

15,829

39%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।