जम्मू और कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब ए. द्राबू ने 11 जनवरी, 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जम्मू और कश्मीर का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2018-19 के लिए जम्मू और कश्मीर का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 1,16,637 करोड़ रुपए अनुमानित है (स्थायी मूल्यों पर)। यह 2017-18 के अनुमान से 6.9% अधिक है।
  • 2018-19 के लिए कुल व्यय 80,313 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 15.2% अधिक है। 2017-18 में बजट अनुमान की तुलना में व्यय के संशोधित अनुमान में 9,744 करोड़ रुपए (12.3%) की गिरावट हुई थी।
  • 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 71,180 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 14.4% अधिक है। 2017-18 में बजटीय लक्ष्य की तुलना में कुल प्राप्तियां 3,553 करोड़ रुपए कम थीं।
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 13,084 करोड़ रुपए या राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) के 8.3% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 9,673 करोड़ रुपए (राज्य जीडीपी का 6.1%) पर लक्षित है। प्राथमिक घाटा 4,948 करोड़ रुपए पर लक्षित है (राज्य जीडीपी का 3.1%)।
  • ऊर्जा, गृह, शिक्षा, स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक आबंटन किए गए हैं।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • यूनिफॉर्म रोजगार संहिता : एक यूनिफॉर्म रोजगार संहिता बनाई जाएगी जिसमें राज्य के सभी श्रम कानून शामिल होंगे। यह संहिता घरेलू कामगारों और खेतिहर मजदूरों को छोड़कर सभी श्रमिकों की रोजगार और सेवा की शर्तों के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त जम्मू और कश्मीर रोजगार संहिता तैयार करने के लिए एक बहुविषयक समिति का गठन किया गया है।
  • राज्य वित्त आयोग : पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए फंड्स प्राप्ति के नियम एवं रेगुलेशन बनाने हेतु राज्य वित्त आयोग का गठन किया जाएगा। इससे पहले ऐसा ही एक आयोग 2011 में गठित किया गया था।
  • मुख्यमंत्री की बिजनेस इंटरेस्ट रिलीफ स्कीम : इस योजना के अंतर्गत सरकार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित रीस्ट्रक्चर्ड एकाउंट्स वाले ऋणदाताओं को एक तिहाई ब्याज भुगतान प्रदान करेगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। यह योजना अगले दो वर्षों के लिए- जनवरी 2018 से दिसंबर 2020 तक- संचालित की जाएगी।

जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था : 2018-19 में राज्य की अर्थव्यवस्था में 6.9% की दर से वृद्धि का अनुमान है। यह 2017-18 में 8.5% की विकास दर के अनुमान से कम है।

कृषि : कृषि में फसल, पशु धन, वानिकी और मत्स्य शामिल हैं। 2018-19 में इस क्षेत्र में 6.8% की वृद्धि का अनुमान है। पिछले वर्ष की अनुमानित वृद्धि दर (8.4%) की तुलना में यह कम है।

उद्योग : उद्योग में मैन्यूफैक्चरिंग, बिजली, जल आपूर्ति, निर्माण और खनन शामिल हैं। 2018-19 में इस क्षेत्र में 6% की वृद्धि का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष इस क्षेत्र की वृद्धि दर 6.8% थी।

रेखाचित्र 1: जम्मू और कश्मीर में क्षेत्र वार वृद्धि की दर (% में )

Source: Jammu and Kashmir Economic Survey 2017; PRS.

सेवा क्षेत्र : सेवा क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण रूप से योगदान प्रदान करता है और इस वर्ष इस क्षेत्र द्वारा 56% के योगदान का अनुमान है। इसमें व्यापार, पर्यटन, रियल एस्टेट, ब्रॉडकास्टिंग और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 2018-19 में इस क्षेत्र में 5.7% की वृदधि का अनुमान है जोकि पिछले वर्ष की 8.2% की वृद्धि दर की तुलना में कम है।

2018-19 के लिए बजट अनुमान

  • 2018-19 में 80,313 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 15.2% अधिक है। यह व्यय 71,180 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 9,133 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2018-19 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के 4% अधिक होने की उम्मीद है।

तालिका 1 : बजट 2018-19 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक 2016-17

बजटीय 2017-18

संशोधित 2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय 2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

50,197

79,472

69,728

-12.3%

80,313

15.2%

. उधारियां*

5,749

10,537

8,802

-16.5%

9,133

3.8%

. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

44,448

65,798

62,245

-5.4%

71,180

14.4%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

50,197

76,335

71,047

-6.9%

80,313

13.0%

राजस्व घाटा

2,166

9,349

11,425

22.2%

13,084

14.5%

(-)/अधिशेष (+)

1.7%

6.6%

8.1%

8.3%

राज्य जीडीपी के % के रूप में

-6,197

-12,425

-8,061

-35.1%

-9,673

20%

राजकोषीय घाटा

-4.9%

-8.8%

-5.7%

-6.1%

(-)/अधिशेष (+)

-1,630

-7,268

-3,467

-52.3%

-4,948

42.7%

राज्य जीडीपी के % के रूप में

-1.3%

-5.2%

-2.5%

 

-3.1%

 

Notes: BE is Budget Estimate; RE is Revised Estimate.  ‘-‘ sign indicates deficit; ‘+’ indicates surplusGSDP for 2018-19 is Rs 1,57,384GSDP for 2017-18 BE and 2017-18 RE taken to be Rs 1,40,887 croreGSDP for 2016-17 is Rs 1,26,230.

Sources: Jammu and Kashmir State Budget Documents 2018-19; PRS.

2018-19 में व्यय

केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं में व्यय

2018-19 में केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं पर 10,423 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव है। 2017-18 में केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया था जिसे बाद में 8,200 करोड़ पर संशोधित किया गया। ऐसा इन योजनाओं के अंतर्गत पूंजीगत व्यय की कमी के कारण हुआ था।

  • 2018-19 के लिए 29,128 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव है, जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 7% की वृद्धि है। इसमें ऐसे व्यय शामिल हैं जो राज्य के एसेट्स और देनदारियों को प्रभावित करते हैं और एसेट्स (जैसे पुल और अस्पताल) का सृजन करते हैं। साथ ही इसमें लोन का भुगतान, इत्यादि भी शामिल है।
  • 2018-19 के लिए 51,185 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 6% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन इत्यादि शामिल है।
  • 2018-19 में जम्मू कश्मीर द्वारा अपने ऋण के भुगतान पर 7,452 करोड़ रुपए व्यय करने का अनुमान है (2,727 करोड़ रुपए ऋण चुकाने और 4,725 करोड़ रुपए ब्याज के भुगतान पर)। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 3.8% कम है।

तालिका 2 : बजट 2018-19 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक 2016-17

बजटीय 2017-18

संशोधित 2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय 2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

पूंजीगत व्यय

10,385

30,653

25,846

-15.7%

29,128

12.7%

राजस्व व्यय

39,812

48,819

43,882

-10.1%

51,185

16.6%

कुल व्यय

50,197

79,472

69,728

-12.3%

80,313

15.2%

. ऋण वापसी

2,023

3,145

3,151

0.2%

2,727

-13.5%

. ब्याज का भुगतान

4,567

5,157

4,594

-10.9%

4,725

2.9%

ऋण का भुगतान (क+ख)

6,590

8,302

7,745

-6.7%

7,452

-3.8%

 Sources: Jammu and Kashmir State Budget Documents 2018-19; PRSNoteCapital expenditure includes: (i) spending that creates assets, (ii) repayments on the loans taken by the government, and (iii) loans provided by the government

2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों में व्यय

2018-19 के दौरान जम्मू और कश्मीर के कुल बजटीय व्यय का 40% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा।

तालिका 3 : जम्मू और कश्मीर बजट 2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

विभाग

2016-17

2017-18

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2018-19 के लिए बजटीय प्रावधान

वास्तविक

संशोधित

बजटीय

ऊर्जा

7,436

12,921

13,053

1.0%

·   6,200 करोड़ रुपए बिजली की खरीद के लिए खर्च किए जाएंगे। इसमें 1,500 करोड़ रुपए मूल्य के राज्य पावर बॉण्ड्स शामिल हैं। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान के बराबर है।

शिक्षा

4,097

7,488

7,735

3.3%

·   सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 2,411 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 2017-18 में इस योजना के संशोधित अनुमान से यह 11% अधिक है।

गृह

4,299

5,634

5,954

5.7%

·   पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के अंतर्गत पूंजीगत व्यय के लिए 100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा

1,898

3,368

3,529

4.8%

·   राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 503 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 17% कम है।

·   व्यय का 20.8% हिस्सा पूंजीगत परिव्यय के लिए रखा गया है।

ग्रामीण विकास

331

2,714

3,121

15.0%

·   मनरेगा के लिए 499 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·   वित्त आयोग का 779 करोड़ रुपए का अनुदान पंचायती राज के पूंजीगत परिव्यय के लिए आबंटित किया गया है।

आवास

690

1,572

2,201

39.9%

·   1,054 करोड़ रुपए जल निकासी के पूंजीगत परिव्यय के लिए आबंटित किए गए हैं।

·   वित्त आयोग के 298 करोड़ रुपए के अनुदान स्थानीय निकायों पर व्यय के लिए आबंटित किए गए हैं।

Source: Detailed Demand for Grants 2018-19; PRS.

अन्य घोषणाएं:

  • डिपॉजिट लिंक्ड बीमा : सरकारी प्रॉविडेंट फंड सबस्क्राइबर का डिपॉजिट लिंक्ड बीमा 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त नई पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए ऐसी ही एक योजना बनाई जाएगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकारी प्रॉविडेंट फंड भुगतान करने हेतु 12,000 करोड़ रुपए का कॉरपस फंड बनाया जाएगा।
  • सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास : सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास की कमी को देखते हुए, खासकर जम्मू और श्रीनगर जैसे शहरों में, जम्मू कश्मीर बैंक की सहभागिता से एक स्पेशल पर्पज वेहिकल का गठन किया जाएगा ताकि लंबित पड़ी सभी आवासीय परियोजनाओं को पूरा किया जा सके। इसके अतिरिक्त आगामी दो वर्षों के दौरान सरकारी कर्मचारियों के लिए नए आवास बनाने हेतु 500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • बिजली बकाया : उद्योगपतियों, होटल मालिकों और रिसॉर्ट मालिकों पर सरकारी बिजली बकाए की ब्याज और दंड राशि को माफ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त लघु उद्योगों द्वारा चुकाए जाने वाले ब्याज और दंड राशि को दिसंबर 2017 तक के लिए माफ किया जाएगा।

2018-19 में प्राप्तियां

केंद्र सरकार के फंड्स:

·   राज्य के राजस्व का 70% हिस्सा केंद्रीय हस्तांतरण से प्राप्त किया जाता है। इसमें 50% केंद्र सरकार के सहायतानुदान और 20% करों में राज्यों की हिस्सेदारी से प्राप्त किया जाता है।  

·   सहायतानुदान: 2016-17 में केंद्र से प्राप्त होने वाला वास्तविक सहायतानुदान उस वर्ष के राज्य के बजट अनुमान से 26% कम था।

·   करों में राज्य की हिस्सेदारी: 14 वें वित्त आयोग के सुझावों के बाद 2015-16 मे केंद्रीय करों में जम्मू और कश्मीर की हिस्सेदारी 0.85% बढ़ गई जबकि उससे पिछले वर्ष इसमें 0.5% का इजाफा हुआ था।

  • 2018-19 के लिए 64,269 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 12% से अधिक है। इसमें 16,955 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 26.4%) राज्य के अपने संसाधनों के जरिए जुटाए जाएंगे। साथही केंद्र के अनुदान और करों में राज्यों की हिस्सेदारी द्वारा 47,314 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 74.6%) हस्तांतरित किए जाएंगे।
  • गैर कर राजस्व : 2018-19 में जम्मू और कश्मीर में 5,761 करोड़ रुपए के गैर कर राजस्व का अनुमान है। इसमें 5,042 करोड़ रुपए की राशि बिजली की आपूर्ति से प्राप्त की जाएगी, जोकि कुल गैर कर राजस्व का 87.5% है।   

तालिका 4 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक 2016-2017

बजटीय 2017-2018

संशोधित

2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय 2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

7,819

9,931

10,136

2.1%

11,194

10.4%

राज्य के अपने गैर कर

4,072

5,308

5,389

1.5%

5,761

6.9%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

9,489

9,711

11,803

21.5%

12,984

10.0%

केंद्र से सहायतानुदान

20,598

33,118

27,979

-15.5%

34,330

22.7%

कुल राजस्व प्राप्तियां

 -

100

 -

NA

 -

NA

उधारियां

41,978

58,168

55,307

-4.9%

64,269

16.2%

अन्य प्राप्तियां

5,749

10,537

8,802

-16.5%

9,133

3.8%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

2,470

7,630

6,938

-9.1%

6,911

-0.4%

कुल प्राप्तियां

8,219

18,167

15,740

-13.4%

16,044

1.9%

राज्य के अपने कर

50,197

76,335

71,047

-6.9%

80,313

13.0%

Sources: Jammu and Kashmir State Budget Documents 2018-19; PRS.

  • कर राजस्व : 2018-19 में जम्मू और कश्मीर का स्वयं कर राजस्व 11,194 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संघटन रेखाचित्र 2 में प्रदर्शित है।
  • 2018-19 में कर-जीएसडीपी अनुपात का लक्ष्य 7.1% है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान के समान है। पिछले वर्ष यह संशोधित अनुमान 7.2% था। इसका अर्थ यह है कि कर एकत्रण की वृद्धि दर का अनुमान भी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के समान ही है।

 

रेखाचित्र 2: 2018-19 के कर राजस्व का संघटन (बअ)

 

Source: Jammu and Kashmir State Budget Documents 2018-19; PRS.

·   राज्य के कर राजस्व में सबसे बड़ा हिस्सा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) (63%) का है। यह वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से वसूला जाता है और इसमें राज्यों के कर एकत्रण और एकीकृत जीएसटी से होने वाले हस्तांतरण शामिल है। एकीकृत जीएसटी वस्तुओं और सेवाओं की अंतर राज्यीय बिक्री से वसूला जाता है। 2018-19 में राज्य द्वारा 7,061 करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान है।

·   इसके अतिरिक्त सेल्स टैक्स से 1,415 करोड़ रुपए और गुड्स और पैसेंजर टैक्स से 1,000 करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान है।

·   साथ ही बिजली प्रशुल्क, राज्य की एक्साइज ड्यूटी, रियल एस्टेट के लेनदेन पर स्टाम्प ड्यूटी, वाहन कर इत्यादि से भी राजस्व प्राप्त किया जाएगा।

2018-19 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

जम्मू और कश्मीर के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को उत्तरोतर तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा। 2018-19 में 13,084 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 8.3% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह कि राजस्व व्यय की तुलना में राज्य प्राप्तियां अधिक हैं जिसके कारण अधिशेष हुआ है। अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य राजस्व घाटे को समाप्त करने के लक्ष्य के निकट है जैसा कि 14 वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया था।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2018-19 में 9,673  करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 6.1% के बराबर है। 14 वें वित्त आयोग की 3% की प्रस्तावित सीमा से यह अनुमान अधिक है। इस सीमा में अधिकतम 3.5% की छूट दी जा सकती है, अगर राज्य कुछ निश्चित स्तरों पर अपने ऋण और ब्याज भुगतान को नियंत्रित करने में सक्षम होता है।

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की देनदारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2018-19 में बकाया देनदारियों के राज्य जीडीपी के 45.6% के बराबर होने का अनुमान है।

तालिका 5 : 2018-19 में जम्मू और कश्मीर राज्य के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य  (जीएसडीपी के %)

वर्ष

राजस्व

राजकोषीय

बकाया देनदारियां

घाटा (-)/अधिशेष (+)

घाटा (-)/अधिशेष (+)  

2016-17

1.7%

4.9%

45.3%

संअ 2017-18

8.1%

5.8%

47.3%

बअ 2018-19

8.3%

6.1%

45.6%

2019-20

-

-

44.0%

2020-21

-

-

44.0%

Note: ‘-‘ means data not availableSources: Jammu and Kashmir State Budget Documents 2018-19; PRS.

रेखाचित्र 3 और 4 में 2016-17 से 2018-19 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित किए गए हैं।

रेखाचित्र 3: राजस्व और राजकोषीय घाटा (राज्य जीडीपी के % के रूप में)

Sources: Jammu and Kashmir State Budget Documents; PRS

रेखाचित्र 4: बकाया देनदारियां (राज्य जीडीपी के % के रूप में)

Sources: Jammu and Kashmir State Budget Documents; PRS

 

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