उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने 5 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 24,99,076 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 5.8% अधिक है।

  • 2024-25 में व्यय (ऋण चुकौतियों को छोड़कर) 6,96,632 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 14% अधिक है। इसके अलावा राज्य को 39,806 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाना होगा।

  • 2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 6,10,101 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 15% की वृद्धि है।

  • 2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 3% (74,147 करोड़ रुपए) होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान के लगभग समान है। 2022-23 में उत्तर प्रदेश को 1.7का राजस्व अधिशेष हुआ था।

  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.46% (86,531 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.5होने की उम्मीद हैजो 2023-24 के बजट अनुमान के लगभग समान है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • महिला एवं बाल कल्याण: विधवाओं के कल्याण के लिए 4,073 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए 5,129 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

  • युवा सशक्तिकरण: स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के तहत स्मार्टफोन और टैबलेट का वितरण किया जाएगा। इसके लिए 4,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अब तक 25 लाख टैबलेट बांटी जा चुकी हैं।

  • हरित ऊर्जा: सरकार ने स्वच्छ प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा में निवेश के लिए हीरो फ्यूचर एनर्जी के साथ 4,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 2030 तक वन क्षेत्र और वृक्ष क्षेत्र को 15% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

  • बिजली सबसिडी: किसानों के निजी ट्यूबवेलों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2,400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

  • कृषि: ग्राम पंचायतों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए तीन नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। ये हैं: राज्य कृषि विकास योजनाविश्व बैंक सहायता प्राप्त उप्र कृषि योजनाऔर स्वचालित मौसम स्टेशन-स्वचालित वर्षा गेज योजना। तीनों योजनाओं के तहत कुल आवंटन 460 करोड़ रुपए है।

  • आवास: मुख्यमंत्रियों के शहरी विस्तार/नए शहर पहल के तहतटाउनशिप विकसित करने के लिए 3,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2022-23 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 8.3% की दर से बढ़ी, जबकि 2021-22 में यह 10.2% थी। इसकी तुलना में 2022-23 में राष्ट्रीय जीडीपी 7.2% बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र: 2022-23 में कृषि क्षेत्र में 10% की वृद्धि हुई (मौजूदा कीमतों पर)। इसकी तुलना में 2021-22 में इसमें 14% की वृद्धि हुई। उल्लेखनीय है कि 2021-22 में वृद्धि निम्न आधार से अधिक थी। 2022-23 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 22% और सेवाओं में 12% की वृद्धि हुई। 2022-23 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में क्रमशः 24%30% और 46% योगदान देने का अनुमान है (स्थिर कीमतों पर)।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2022-23 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 96,193 रुपए होने का अनुमान है। 2017-18 के बाद से इसमें 8% की वार्षिक वृद्धि है।

रेखाचित्र  1 उत्तर प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

image

नोट: कृषि में खनन और उत्खनन शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माण और बिजली शामिल है और ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैंजिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 2023-24पीआरएस।

2024-25 के लिए बजट अनुमान

  • 2024-25 में 6,96,632 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 14% की वृद्धि है। इस व्यय को 6,10,101 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 71,427 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2024-25 के लिए कुल प्राप्तियों में (उधारियों के अलावा) 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 15.4% की वृद्धि की उम्मीद है।

  • 2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 3% (74,147 करोड़ रुपए) होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान के लगभग समान है। 2021-22 में उत्तर प्रदेश को 1.7का राजस्व अधिशेष हुआ था। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.46% (86,531 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जोकि 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में मामूली कम है।

तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

5,05,906

6,90,242

6,32,362

-8.4%

7,36,438

16.5%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

22,690

31,181

21,318

-31.6%

39,806

86.7%

शुद्ध व्यय (E)

4,83,215

6,59,061

6,11,045

-7.3%

6,96,632

14.0%

कुल प्राप्तियां

4,85,426

6,83,293

6,27,645

-8.1%

7,21,334

14.9%

(-) उधारियां 

66,847

1,09,115

99,115

-9.2%

1,11,233

12.2%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

4,18,579

5,74,178

5,28,530

-8.0%

6,10,101

15.4%

राजकोषीय घाटा (E-R)

64,636

84,883

82,515

-2.8%

86,531

4.9%

जीएसडीपी का %

2.86%

3.48%

3.49%

 

3.46%

 

राजस्व अधिशेष

37,263

68,512

70,447

2.8%

74,147

5.3%

जीएसडीपी का %

1.65%

2.81%

2.98%

 

2.97%

 

प्राथमिक घाटा

21,628

34,628

33,198

-4.1%

32,819

-1.1%

जीएसडीपी का %

2.86%

3.49%

3.49%

 

3.46%

 

जीएसडीपी

22,57,575

24,39,171

23,61,462

-3.2%

24,99,076

5.8%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2024-25
; पीआरएस।

2024-25 में व्यय

  • 2024-25 के लिए राजस्व व्यय 5,32,655 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 17% अधिक है। इसमें वेतनपेंशनब्याजअनुदान और सबसिडी व्यय शामिल है। 2024-25 में शिक्षा क्षेत्र के राजस्व घटक के आवंटन में 62% की वृद्धि का अनुमान है।

  • 2024-25 के लिए पूंजीगत परिव्यय 1,54,747 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय परिसंपत्तियों के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है।

  • 2024-25 में राज्य द्वारा ऋण और अग्रिम 9,229 करोड़ रुपए होने की उम्मीद हैजो संशोधित अनुमान से 9कम है।

सबसिडी पर व्यय

एफआरबीएम के वक्तव्यों के अनुसारउत्तर प्रदेश ने 2024-25 में सबसिडी पर 28,000 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया है। यह राजस्व प्राप्तियों का 5% है। 2018-19 से सबसिडी व्यय राजस्व प्राप्तियों के 4-6% के बीच रहा है। 2027-28 तक सबसिडी व्यय बढ़कर 37,268 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो राजस्व प्राप्तियों का लगभग 4% है। कैग वित्त लेखा रिपोर्ट के अनुसारसबसिडी 2020-21 में 11,677 करोड़ रुपए से तेजी से बढ़कर 2021-22 में 20,145 करोड़ रुपए (73% वृद्धि) हो गई। इसके साथ राजस्व प्राप्तियों में 25% की वृद्धि हुई। 2021-22 मेंबिजली क्षेत्र को उच्च सबसिडी प्रदान की गईजिसमें यूपीपीसीएल को 13,388 करोड़ रुपए का प्रतिपूरक अनुदान भी शामिल है। 2021-22 तक उत्तर प्रदेश के सबसिडी व्यय में बिजली क्षेत्र का हिस्सा 76% था।

तालिका 2: बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

3,79,978

5,02,354

4,54,771

-9%

5,32,655

17%

पूंजीगत परिव्यय

93,028

1,47,492

1,46,177

-1%

1,54,747

6%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

10,209

9,215

10,096

10%

9,229

-9%

शुद्ध व्यय

4,83,215

6,59,061

6,11,045

-7%

6,96,632

14%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतनपेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 3,21,021 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 53है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 30%)पेंशन (14%)और ब्याज भुगतान (9%) पर खर्च शामिल है। 2023-24 में वेतन खर्च का संशोधित अनुमान बजट अनुमान से 23% कम रहने का अनुमान है। हालांकि 2024-25 में इसके 42% अधिक होने का अनुमान है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2,21,041 करोड़ रुपए थाजो राजस्व प्राप्तियों का 53% था।

तालिका 3: 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

वेतन

1,19,336

1,66,161

1,27,474

-23%

1,80,822

42%

पेंशन

58,697

82,422

70,765

-14%

86,488

22%

ब्याज भुगतान

43,008

50,256

49,317

-2%

53,712

9%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

2,21,041

2,98,839

2,47,556

-17%

3,21,021

30%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तर प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस। 

क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका 4उत्तर प्रदेश बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

70,008

85,003

64,766

1,00,335

55%

ऊर्जा

38,424

43,330

51,582

45,832

-11%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

31,171

47,404

40,999

42,774

4%

सड़क एवं पुल

27,938

38,338

40,079

40,686

2%

पुलिस

26,771

35,579

28,867

37,398

30%

ग्रामीण विकास

24,871

32,771

31,055

35,993

16%

समाज कल्याण एवं पोषण

24,641

33,378

31,117

34,747

12%

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

13,189

24,504

23,298

28,054

20%

शहरी विकास

17,777

28,465

29,164

23,744

-19%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

12,310

22,038

19,770

22,843

16%

सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का %

61%

60%

60%

60%

0%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरणउत्तर प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

2024-25 में प्राप्तियां

  • 2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 6,06,802 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 16% अधिक है। इसमें से 2,80,786 करोड़ रुपए (46%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 3,26,017 करोड़ रुपए (54%) केंद्र से आएगा। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 36%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 18%) के रूप में होंगे।

  • हस्तांतरण2024-25 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 2,18,817 करोड़ रुपए अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है।

  • 2024-25 में केंद्र से अनुदान 1,07,200 करोड़ रुपए अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 5% कम है।

  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तर प्रदेश का कुल स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 2,56,351 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 27% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 10.3% अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (8.6%) से अधिक है। 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसारजीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 7.7% था।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

1,74,087

2,49,625

2,02,179

-19%

2,56,351

27%

राज्य के स्वयं गैर कर

13,489

23,791

11,761

-51%

24,435

108%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

1,69,745

1,83,238

1,98,135

8%

2,18,817

10%

केंद्र से सहायतानुदान

59,920

1,14,212

1,13,142

-1%

1,07,200

-5%

राजस्व प्राप्तियां

4,17,241

5,70,866

5,25,218

-8%

6,06,802

16%

गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां

1,337

3,312

3,312

0%

3,299

-0.4%

शुद्ध प्राप्तियां

4,18,579

5,74,178

5,28,530

-8%

6,10,101

15%

नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान हैं। 
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तर प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

  • 2024-25 में राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है (39%)। एसजीएसटी राजस्व 2023-24 के संशोधित अनुमान से 30% बढ़ने का अनुमान है। हालांकि 2023-24 में एसजीएसटी राजस्व उस वर्ष के बजट अनुमान से 19% कम होने का अनुमान है।

  • 2024-25 में स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क से राजस्व में 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 30% वृद्धि की उम्मीद है। संशोधित अनुमान 2023-24 के बजट अनुमान से 21% कम था। 

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

64,141

95,203

77,224

-19%

1,00,514

30%

राज्य एक्साइज

41,253

58,000

50,000

-14%

58,308

17%

सेल्स टैक्स/वैट

31,979

41,788

36,180

-13%

42,733

18%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

24,844

34,560

27,338

-21%

35,652

30%

वाहन कर

9,059

12,672

8,314

-34%

12,505

50%

भूराजस्व

285

962

2,744

185%

863

-69%

बिजली पर टैक्स और शुल्क

2,519

6,440

380

-94%

5,777

1421%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

11,291

13,009

10,552

-19%

13,735

30%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

17,939

17,939

0%

17,939

0%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व बजट, उत्तर प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस। 

2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.46% रहने का अनुमान है। 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी हैजिसमें से जीएसडीपी का 0.5% केवल कुछ बिजली क्षेत्र के सुधारों को पूरा करने पर उपलब्ध होगा।

संशोधित अनुमान के अनुसार, 2023-24 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.5% होने की उम्मीद हैजो लगभग वर्ष के बजट अनुमान के बराबर है। 2027-28 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.8% तक कम होने का अनुमान है।

राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। बजट में 2024-25 में 74,147 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। राजकोषीय घाटे के साथ राजस्व अधिशेष संकेत देता है कि राज्य सरकार की उधारी का उपयोग पूंजीगत परिसंपत्ति निर्माण के लिए किए जाने की संभावना है।

 राज्य के वित्त पर डिस्कॉम घाटे और ऋण का प्रभाव

बिजली वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति लगातार एक समस्या बनी हुई है जो राज्य सरकारों के वित्त को प्रभावित करती है। उत्तर प्रदेश के डिस्कॉम्स को लगातार वित्तीय घाटा हो रहा है। 2021-22 में घाटा करीब 6,492 करोड़ रुपए रहा। वित्तीय घाटे के अलावा बकाया ऋण भी राज्य सरकार का एक आकस्मिक दायित्व है। मार्च 2022 तक डिस्कॉम पर जो कर्ज था, वह जीएसडीपी का 4.2% होता है। राज्य सरकारों ने पहले डिस्कॉम्स के घाटे का वहन किया (उदय जैसी योजना के जरिए) जिसके कारण ऋण और घाटे के आंकड़ों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

इसके अलावा राज्य सरकारें अन्य संस्थाओं द्वारा लिए गए उधार की गारंटी भी देती हैं। मार्च 2023 तक उत्तर प्रदेश ने 1,65,557 करोड़ रुपए की बकाया उधारी की गारंटी दी है, जो उसके जीएसडीपी का 7% है। इनमें से 74% की गारंटी बिजली क्षेत्र के लिए थी। केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि राज्य किसी भी वृद्धिशील गारंटी पर जीएसडीपी के 0.5% की सीमा तय करें।

बकाया देनदारियां: बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है। इसमें सार्वजनिक खाते पर देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 32.7% होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 31.7%) से कम है। 2021-22 में बकाया देनदारियां काफी बढ़ गईं (जीएसडीपी का 34.9%) और उसके बाद भी अधिक बनी हुई हैं।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

image

नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; 2020-21 और 2021-22 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में माने बिना घाटा दर्ज किया गया है। RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, उत्तर प्रदेश बजट 
2024-25; पीआरएस

रेखाचित्र 3: बकाया सार्वजनिक ऋण (जीएसडीपी का %)  image

नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं2020-21 और 2021-22 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में माने बिना घाटा दर्ज किया गया है। RE संशोधित अनुमान है; BE बजट अनुमान है।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, उत्तर प्रदेश बजट 
2024-25; पीआरएस।

बकाया सरकारी गारंटीराज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च 2023 तक राज्य की बकाया गारंटी 1,65,557 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2022-23 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी का 7% है। राज्य की 79% गारंटी बिजली क्षेत्र के लिए है।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 31 राज्यों (उत्तर प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: उत्तर प्रदेश ने 2024-25 में शिक्षा पर अपने व्यय का 14.6% आवंटित किया है। यह 2023-24 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) के लगभग बराबर है।

  • स्वास्थ्य: उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 6.2% आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) के बराबर है।

  • ग्रामीण विकास: उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास पर अपने व्यय का 5.2% आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5%) से थोड़ा अधिक है।

  • ऊर्जा: उत्तर प्रदेश ने अपने व्यय का 6.7% ऊर्जा के लिए आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा शहरी विकास के लिए औसत आवंटन (4.7%) से अधिक है।

  • कृषि: उत्तर प्रदेश ने कृषि के लिए अपने कुल व्यय का 3.1% आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा कृषि पर औसत व्यय (5.9%) से काफी कम है।

  • सड़कें और पुल: उत्तर प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 5.9% सड़कों और पुलों के लिए आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.6%) से अधिक है।

नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE)और 2024-25 (BE) आंकड़े उत्तर प्रदेश के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तर प्रदेश बजट 
2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

[1]  31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तनॉ

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

5,01,778

4,18,579

-17%

1.  राजस्व प्राप्तियां (+++)

4,99,213

4,17,241

-16%

.     स्वयं कर राजस्व

2,10,044

1,74,087

-17%

.     स्वयं गैर कर राजस्व

23,406

13,489

-42%

.     केंद्रीय करों में हिस्सा

1,46,499

1,69,745

16%

.     केंद्र से सहायतानुदान

1,19,264

59,920

-50%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

10,611

11,291

6%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

2,565

1,337

-48%

3.  उधारियां

89,174

66,847

-25%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

0

0%

शुद्ध व्यय (4+5+6)

5,82,956

4,83,215

-17%

4.  राजस्व व्यय

4,56,089

3,79,978

-17%

5.  पूंजीगत परिव्यय

1,23,920

93,028

-25%

6.  ऋण और अग्रिम

2,947

10,209

246%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

32,563

22,690

-30%

राजस्व अधिशेष

43,124

-37,263

-14%

राजस्व अधिशेष (जीएसडीपी का %)

1.9%

-1.7%

-14%

राजकोषीय घाटा

81,178

64,636

-20%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

4.0%

2.9%

-20%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

कर स्रोत/मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तनॉ

बिजली पर टैक्स औऱ ड्यूटी

5,531

2,519

-54%

भूराजस्व

915

285

-69%

वाहन कर

10,887

9,059

-17%

राज्य जीएसटी

77,653

64,141

-17%

बिक्री कर/वैट

36,213

31,979

-12%

स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क

29,692

24,844

-16%

राज्य एक्साइज

49,152

41,253

-16%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका 9मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

21,431

12,310

-43%

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

21,733

13,189

-39%

शहरी विकास

27,111

17,777

-34%

एससीएसटीओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण

5,607

3,914

-30%

सड़क एवं पुल

37,086

27,938

-25%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

40,991

31,171

-24%

परिवहन

39,864

30,636

-23%

समाज कल्याण एवं पोषण

31,239

24,641

-21%

ग्रामीण विकास

29,541

24,871

-16%

पुलिस

31,443

26,771

-15%

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

16,133

14,340

-11%

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

75,165

70,008

-7%

ऊर्जा

37,566

38,424

2%

आवास

8,686

9,515

10%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

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