मंत्रालय: 
सूचना एवं प्रसारण
  • सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने 12 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। यह बिल सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1954 में संशोधन करता है। एक्ट फिल्म प्रदर्शन के सर्टिफिकेशन के लिए प्रावधान करता है। इसके अतिरिक्त एक्ट विभिन्न अपराधों के लिए सजा निर्धारित करता है, जैसे: (i) ऐसी फिल्म का प्रदर्शन जिसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सर्टिफाई नहीं किया गया है, या (ii) सर्टिफाई होने के बाद किसी फिल्म के साथ छेड़छाड़।
     
  • अनाधिकृत रिकॉर्डिंग: बिल के अनुसार फिल्म के निर्माता की लिखित अनुमति के बिना कोई व्यक्ति फिल्म की कॉपी बनाने या फिल्म को ट्रांसमिट करने के लिए किसी रिकॉर्डिंग डिवाइस का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
     
  • बिना अनुमति के फिल्म की कॉपी बनाने वाले व्यक्ति को तीन वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है, या 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है, या दोनों सजा भुगतनी पड़ सकती है।     

 

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