• विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 15 मार्च, 2016 को लोकसभा में क्षेत्रीय बायोटेक्नोलॉजी केंद्र बिल, 2016 को पेश किया।
     
  • भारत ने 2006 में संयुक्त राष्ट्र शिक्षण, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के साथ क्षेत्रीय बायोटेक्नोलॉजी प्रशिक्षण और शिक्षण केंद्र की स्थापना के संबंध में एक करार किया था ताकि यूनेस्को के सदस्य देशों को सहयोग प्रदान किया जा सके। इस करार के तहत, केंद्र सरकार ने एक कार्यकारी आदेश के जरिये 2009 में फरीदाबाद, हरियाणा में क्षेत्रीय बायोटेक्नोलॉजी प्रशिक्षण और शिक्षण केंद्र की स्थापना की। बिल इस क्षेत्रीय केंद्र को विधायी समर्थन प्रदान करने का प्रयास करता है। वह इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान करने की भी बात कहता है। राष्ट्रीय महत्व का संस्थान एक ऐसा संस्थान होता है जो वैज्ञानिक या प्रौद्योगिक शिक्षा प्रदान करता है और जिसे डिग्री देने का अधिकार होता है।
     
  • उद्देश्यः बिल के अनुसार, क्षेत्रीय केंद्र के उद्देश्य निम्नलिखित होंगेः (i) बायोटेक्नोलॉजी और अन्य संबंधित क्षेत्रों में शिक्षण और अनुसंधान की सुविधा प्रदान करते हुए ज्ञान का प्रसार, (ii) सार्क क्षेत्र और सामान्य रूप से, एशिया में प्रौद्योगिकी और ज्ञान के हस्तांतरण (ट्रांसफर) को सहज बनाना, (iii) बायोटेक्नोलॉजी विशेषज्ञता का हब तैयार करना और (iv) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ावा देना।
     
  • क्षेत्रीय केंद्र की शक्तियां: क्षेत्रीय केंद्र की शक्तियां निम्नलिखित होंगीः (i) बायोटेक्नोलॉजी और अन्य संबंधित विषयों (जैसे मेडिकल, कृषि और इंजीनियरिंग विज्ञान) में मास्टर और डॉक्टरल डिग्री तथा पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा प्रदान करना, (ii) शैक्षणिक पदों, जैसे प्रोफेसरशिप को गठित करना और इन पदों पर नियुक्तियां करना, (iii) क्षेत्रीय केंद्र में प्रवेश के मानंदड तय करना और (iv) फीस निर्धारित करना और प्राप्त करना।
     
  • क्षेत्रीय केंद्र की अथॉरिटीजः क्षेत्रीय केंद्र की अथॉरिटीज, केंद्र के प्रशासन और कार्यो के लिए उत्तरदायी होंगी जिनमें शामिल हैः (i) शासक बोर्ड, (ii) कार्यक्रम सलाहकार कमिटी, (iii) कार्यकारी कमिटी, (iv) वित्तीय कमिटी इत्यादि।
     
  • शासक बोर्डः बोर्ड क्षेत्रीय केंद्र का अपीली निकाय (एपेक्स बॉडी) होगा जो निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगाः (i) संस्थान की वार्षिक योजना और बजट को मंजूरी देना, (ii) उसकी नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा करना, (iii) उसके संगठनात्मक ढांचे का अनुमोदन करना, (iv) संस्थान के लिए सुसंगत परियोजनाओं को संचालित करना और (v) फंड जुटाने की क्षमता को बढ़ाना इत्यादि। बोर्ड के सात सदस्य होंगेः (i) चेयरमैन के रूप में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव, (ii) केंद्र सरकार द्वारा नामित तीन वैज्ञानिक (जोकि संयुक्त सचिव या समतुल्य श्रेणी से नीचे के नहीं होने चाहिए) और (iii) यूनेस्को के तीन प्रतिनिधि।
     
  • कार्यक्रम सलाहकार कमिटीः कार्यक्रम सलाहकार कमिटी क्षेत्रीय केंद्र का प्रमुख शैक्षणिक निकाय (बॉडी) होगी। यह निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगीः (i) शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान कार्यो की योजना बनाने के संबंध में सुझाव (ii) क्षेत्रीय केंद्र के कार्यक्रमों की वार्षिक समीक्षा और (iii) बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट वैज्ञानिक और तकनीकी मुद्दों पर रिपोर्ट का प्रकाशन, इत्यादि। कमिटी में 14 सदस्य होंगे (बोर्ड, केंद्र सरकार और यूनेस्को के नामित सदस्यों सहित)।
     
  • कार्यकारी और वित्तीय कमिटियां: कार्यकारी कमिटी बोर्ड की नीतियों और निर्णयों को लागू करने के लिए उत्तरदायी होगी। वित्तीय कमिटी क्षेत्रीय केंद्र के वित्त और एकाउंट्स की समीक्षा करेगी और बोर्ड को सुझाव देगी। इन कमिटियों के गठन और शक्तियों के संबंध में बोर्ड द्वारा निर्देश दिए जाएंगे।
     
  • कार्य की समीक्षाः केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त व्यक्ति हर चार वर्ष में एक बार क्षेत्रीय केंद्र के कार्य की समीक्षा करेंगे।
     
  • फंडः क्षेत्रीय केंद्र अपने खर्च (फीस और बोर्ड तथा विभिन्न कमिटियों के सदस्यों को दिया जाने वाला अलाउंस और अपने कार्यों के लिए किया जाने वाले खर्च सहित) का वहन करने के लिए एक फंड का रखरखाव करेगा। फंड में निम्नलिखित जमा किए जाएंगेः (i) केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई धनराशि, (ii) क्षेत्रीय केंद्र द्वारा प्राप्त की गई फीस और (iii) प्राप्त किए गए अनुदान, उपहार, दान इत्यादि।

 

यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।