मंत्रालय: 
नागरिक उड्डयन
  • नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 12 जुलाई, 2019 को लोकसभा में भारतीय एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। यह बिल भारतीय एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट, 2008 में संशोधन करता है। यह एक्ट भारतीय एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (एयरा) की स्थापना करता है। एयरा उन सिविलियन एयरपोर्ट्स की एयरोनॉटिकल सेवाओं के लिए टैरिफ और दूसरे शुल्क को रेगुलेट करता है जिनका वार्षिक ट्रैफिक 15 लाख यात्रियों से अधिक होता है। यह अथॉरिटी इन एयरपोर्ट्स में सेवाओं के प्रदर्शन मानकों का भी निरीक्षण करती है।
     
  • मुख्य एयरपोर्ट्स की परिभाषा: एक्ट के अंतर्गत मुख्य एयरपोर्ट्स में ऐसे एयरपोर्ट्स आते हैं जिनका वार्षिक यात्री ट्रैफिक 15 लाख से अधिक होता है या ऐसे एयरपोर्ट्स जिन्हें केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया हो। बिल वार्षिक यात्री ट्रैफिक की सीमा को बढ़ाकर 35 लाख से अधिक करता है।
     
  • एयरा द्वारा टैरिफ तय करना : एक्ट के अंतर्गत एयरा निम्नलिखित निर्धारित करता है : (i) हर पांच वर्षों में विभिन्न एयरपोर्ट्स की एयरोनॉटिकल सेवाओं का टैरिफ, (ii) मुख्य एयरपोर्ट्स की डेवलपमेंट फीस, और (iii) पैसेंजर्स की सर्विस फीस। अथॉरिटी टैरिफ तय करने और टैरिफ संबंधी दूसरे कार्य करने, जिसमें बीच की अवधि में टैरिफ में संशोधन करना शामिल है, के लिए जरूरी सूचनाओं की मांग भी कर सकती है।
     
  • बिल कहता है कि एयरा निम्नलिखित निर्धारित नहीं करेगी : (i) टैरिफ, (ii) टैरिफ का स्ट्रक्चर, और (iii) कुछ मामलों में डेवलपमेंट फीस। जैसे जब टैरिफ की राशि बिड डॉक्यूमेंट (बोली लगाने वाले दस्तावेज) का हिस्सा हो जिसके आधार पर एयरपोर्ट ऑपरेशन का काम सौंपा गया हो। इन दस्तावेजों में टैरिफ को शामिल करने से पहले कनसेशनिंग अथॉरिटी को एयरा से सलाह लेनी होगी और उस टैरिफ को अधिसूचित करना होगा।

 

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