मंत्रालय: 
विधि एवं न्याय
  • विधि और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 18 दिसंबर, 2017 को लोकसभा में जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया। बिल जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1950 और जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1951 में संशोधन करने का प्रयास करता है जिससे प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति दी जा सके और इन एक्ट्स के कुछ प्रावधानों को जेंडर न्यूट्रल बनाया जा सके।
     
  • 1950 का एक्ट चुनावों में सीटों का आबंटन और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन, वोटरों की योग्यता, और मतदाता सूची तैयार करने का प्रावधान करता है। 1951 के एक्ट में चुनाव कराने और चुनावों से संबंधित अपराधों एवं विवादों से जुड़े प्रावधान हैं।
     
  • 1950 का एक्ट मतदाता सूची में ऐसे व्यक्तियों के पंजीकरण की अनुमति देता है जो सामान्यतया किसी निर्वाचन क्षेत्र के निवासी हैं। इनमें निम्नलिखित व्यक्ति शामिल हैं: (i) सर्विस क्वालिफिकेशन वाले व्यक्ति (जैसे सशस्त्र बलों के कर्मचारी, सशस्त्र पुलिस बल के कर्मचारी, राज्य से बाहर कार्य करने वाले व्यक्ति या भारत से बाहर तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारी) और (ii) भारत में कुछ कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी, इन कार्यालयों को राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सलाह से निर्दिष्ट करेंगे। एक्ट के अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों की पत्नियां भी भारत में सामान्यतया निवास करने वाली मानी जाती हैं। बिल पत्नी के स्थान पर पति या पत्नी शब्द का प्रयोग करता है।
     
  • 1951 का एक्ट ओवरसीज वोटर को स्वयं वोट देने की अनुमति देता है। ओवरसीज वोटर भारत का ऐसा नागरिक है जो भारत में अपने सामान्य निवास के स्थान से अनुपस्थित होता है। बिल 1951 के एक्ट में संशोधन करने का प्रयास करता है जिससे ओवरसीज वोटर को स्वयं या प्रॉक्सी द्वारा उस निर्वाचन क्षेत्र में वोट देने की अनुमति दी जा सके जहां चुनाव हो रहे हैं। 1951 के एक्ट में ऐसे व्यक्ति की पत्नी द्वारा वोटिंग का प्रावधान है। बिल पत्नी के स्थान पर पति या पत्नी शब्द का प्रयोग करता है।

 

 

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