मंत्रालय: 
गृह मामले
  • गृह मामलों के मंत्री अमित शाह ने 8 जुलाई, 2019 को लोकसभा में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) संशोधन बिल, 2019 पेश किया। यह बिल गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) एक्ट, 1967 में संशोधन करता है। एक्ट आतंकवादी गतिविधियों को काबू में करने के लिए विशेष प्रक्रियाओं का प्रावधान करता है।
     
  • आतंकवाद कौन फैला सकता है: एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार किसी संगठन को आतंकवादी संगठन निर्दिष्ट कर सकती है, अगर वह: (i) आतंकवादी कार्रवाई करता है या उसमें भाग लेता है, (ii) आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी करता है, (iii) आतंकवाद को बढ़ावा देता है, या (iv) अन्यथा आतंकवादी गतिविधि में शामिल है। बिल सरकार को अधिकार देता है कि वह समान आधार पर व्यक्तियों को भी आतंकवादी निर्दिष्ट कर सकती है।
     
  • एनआईए द्वारा संपत्ति की जब्ती के लिए मंजूरी: एक्ट के अंतर्गत जांच अधिकारी को उन संपत्तियों को जब्त करने से पहले पुलिस महानिदेशालय से मंजूरी लेनी होती है, जो आतंकवाद से संबंधित हो सकती हैं। बिल के अनुसार, अगर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी द्वारा जांच की जा रही है तो ऐसी संपत्ति की जब्ती से पहले एनआईए के महानिदेशक से पूर्व मंजूरी लेनी होगी।
     
  • एनआईए द्वारा जांच: एक्ट के अंतर्गत मामलों की जांच पुलिस डेपुटी सुपरिटेंडेंट या असिस्टेंट कमीशनर या उससे ऊंचे पद के अधिकारियों द्वारा की जाएगी। बिल अतिरिक्त रूप से मामलों की जांच के लिए एनआईए के इंस्पेक्टर या उससे ऊंचे पद के अधिकारियों को अधिकृत करता है।
     
  • संधियों की अनुसूची में प्रविष्टि: एक्ट के अंतर्गत नौ संधियां हैं, जैसे कन्वेंशन फॉर द सप्रेशन ऑफ टेरिरिस्ट बॉम्बिंग्स (1997) और कन्वेंशन अगेंस्ट टेकिंग ऑफ होस्टेजेज़ (1979)। इन संधियों में कुछ गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। बिल के अनुसार, इन गतिविधियों को आतंकवादी गतिविधि माना जाएगा। बिल इस सूची में एक और संधि को शामिल करता है। यह संधि है, द इंटरनेशनल कन्वेंशन फॉर सप्रेशन ऑफ एक्ट्स ऑफ न्यूक्लियर टेरिरिज्म (2005)।

 

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